The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
The Basic Principles Of shiv chalisa in hindi
Blog Article
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
There isn't any one particular as generous when you, Your devotees always praise and serve you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless techniques are over and above comprehension.
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
बृहस्पतिदेव की कथा
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
अर्थ: माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित Shiv chaisa करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
In situations such as these where life has become so rapidly that we hardly find the perfect time to pray, Shiva Chalisa comes like a blessing for all of us.